जश्न-ए-आज़ादी
Composed on 15.08.2016
जश्न-ए-आज़ादी की सौगात मुबारक हो तुम्हें,
ये खूबसूरत मौसम-ए-बरसात मुबारक हो तुम्हें I
जिनके नाम दिलों में
हमारे लिखे हैं,
उन तमाम शहीदों की याद मुबारक हो तुम्हें I
जितना कर लिया उससे
ज़्यादा करना बाक़ी है,
जम्हूरियत से मिली खुशी की बारात मुबारक हो तुम्हें I
मादर-ए-वतन के लिए फर्ज़
याद रखना है,
जो तुम्हें खुशी दे वो हर बात मुबारक हो तुम्हें I
हक़ीक़त जो हासिल हुई है सन् 1947 के बाद,
उस तररक़्क़ी-ए-हिन्द का साथ मुबारक हो तुम्हें I
हक़ीक़त राय शर्मा
गाज़ियाबाद और नबीनगर, ज़िला बुलंदशहर (उ०प्र०)
I composed the first sher (shayari) at MODINAGAR in 1979.
Shayari by
Hakikat Rai Sharma, Ghaziabad & Nabinagar, Bulandshahr (UP)
Appreciated by
Yogendra Singh