Monday, 15 August 2016

शायरी – जश्न-ए-आज़ादी



जश्न-ए-आज़ादी

Composed on 15.08.2016

जश्न-ए-आज़ादी की सौगात मुबारक हो तुम्हें,

ये खूबसूरत मौसम-ए-बरसात मुबारक हो तुम्हें I




जिनके  नाम  दिलों  में  हमारे  लिखे  हैं,

उन तमाम शहीदों की याद मुबारक हो तुम्हें I




जितना  कर  लिया  उससे ज़्यादा करना बाक़ी है,
जम्हूरियत से मिली खुशी की बारात मुबारक हो तुम्हें I




मादर-ए-वतन  के  लिए  फर्ज़ याद रखना है,

जो तुम्हें खुशी दे वो हर बात मुबारक हो तुम्हें I




हक़ीक़त  जो  हासिल हुई है सन् 1947 के बाद,

उस तरक़्क़ी-ए-हिन्द का साथ मुबारक हो तुम्हें I






हक़ीक़त राय शर्मा
गाज़ियाबाद और नबीनगर, ज़िला बुलंदशहर (उ०प्र०)

I composed the first sher (shayari) at MODINAGAR in 1979.

Shayari by
Hakikat Rai Sharma, Ghaziabad & Nabinagar, Bulandshahr (UP)

Appreciated by 


Yogendra Singh

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