शायरी – शुक्रिया (For all students)
Composed on 04.08.2016
१. वो कोई और होगा जिसको भुला दिया तुमने,
देखो दुआओं के दम पर मुझको बुला लिया तुमने |
२. ये ख़बर सुनकर सिर्फ पानी ही मैंने पिया
था,
मगर लगा ऐसा जैसे अमरत पिला दिया तुमने |
३. मैं कितना ख़ुशनसीब हूँ अब मालूम हुआ
मुझको,
मेरी तमाम बेचैनियों को देखो सुला दिया तुमने |
४. समझ आता नहीं मैं क्या लिखूँ तुम्हारी
शान में,
शुक्रिया बेहद ख़ुदा अपनों से मिला दिया तुमने |
५. अब हक़ीक़त हर तरह से ये साबित हो गया,
हक़ीक़त राय शर्मा
गाज़ियाबाद और नबीनगर, ज़िला बुलंदशहर (उ०प्र०)
Shayari by
Hakikat Rai Sharma, Ghaziabad & Nabinagar, Bulandshahr (UP)
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